यह वसंत ऋतु के आरंभ के साथ आता है और उत्तेजना, उत्साह, और नई ऊर्जा का संचार करता है.
यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.
यह त्योहार नई शुरुआत का भी सूचक है.
ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि पर व्रत रखने से आत्मा शुद्ध होती है और मनुष्य का आध्यात्मिक विकास होता है.
चैत्र नवरात्रि के दौरान कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं जो लोग धार्मिक और सामाजिक मिलनसार के लिए आयोजित किए जाते हैं.
ज्योतिषीय दृष्टि से चैत्र नवरात्र का खास महत्व है क्योंकि इस नवरात्र के दौरान या आसपास सूर्य का राशि परिवर्तन होता है.
नवरात्र में देवी और नवग्रहों की पूजा का कारण यह भी है कि ग्रहों की स्थिति पूरे वर्ष अनुकूल रहे और जीवन में खुशहाली बनी रहे.
नवरात्रि मनाने का वैज्ञानिक महत्व भी है. वर्ष के दोनों प्रमुख नवरात्र प्रायः ऋतु संधिकाल में या दो ऋतुओं के सम्मिलिन में मनाए जाते हैं. जब ऋतुओं का सम्मिलन होता है तो आमतौर पर शरीर में वात, पित्त, कफ़ का समायोजन घट बढ़ जाता है. इससे रोग प्रतिरोध क्षमता कम हो जाती है.